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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
1155 | 7 | 201 | إن الذين اتقوا إذا مسهم طائف من الشيطان تذكروا فإذا هم مبصرون |
| | | जो डर रखते हैं, उन्हें जब शैतान की ओर से कोई ख़याल छू जाता है, तो वे चौंक उठते हैं। फिर वे साफ़ देखने लगते हैं |
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1156 | 7 | 202 | وإخوانهم يمدونهم في الغي ثم لا يقصرون |
| | | और उन (शैतानों) के भाई उन्हें गुमराही में खींचे लिए जाते हैं, फिर वे कोई कमी नहीं करते |
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1157 | 7 | 203 | وإذا لم تأتهم بآية قالوا لولا اجتبيتها قل إنما أتبع ما يوحى إلي من ربي هذا بصائر من ربكم وهدى ورحمة لقوم يؤمنون |
| | | और जब तुम उनके सामने कोई निशानी नहीं लाते तो वे कहते हैं, "तुम स्वयं कोई निशानी क्यों न छाँट लाए?" कह दो, "मैं तो केवल उसी का अनुसरण करता हूँ जो मेरे रब की ओर से प्रकाशना की जाती है। यह तुम्हारे रब की ओर से अन्तर्दृष्टियों का प्रकाश-पुंज है, और ईमान लानेवालों के लिए मार्गदर्शन और दयालुता है।" |
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1158 | 7 | 204 | وإذا قرئ القرآن فاستمعوا له وأنصتوا لعلكم ترحمون |
| | | जब क़ुरआन पढ़ा जाए तो उसे ध्यानपूर्वक सुनो और चुप रहो, ताकि तुमपर दया की जाए |
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1159 | 7 | 205 | واذكر ربك في نفسك تضرعا وخيفة ودون الجهر من القول بالغدو والآصال ولا تكن من الغافلين |
| | | अपने रब को अपने मन में प्रातः और संध्या के समयों में विनम्रतापूर्वक, डरते हुए और हल्की आवाज़ के साथ याद किया करो। और उन लोगों में से न हो जाओ जो ग़फ़लत में पड़े हुए है |
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1160 | 7 | 206 | إن الذين عند ربك لا يستكبرون عن عبادته ويسبحونه وله يسجدون |
| | | निस्संदेह जो तुम्हारे रब के पास है, वे उसकी बन्दगी के मुक़ाबले में अहंकार की नीति नहीं अपनाते; वे तो उसकी तसबीह (महिमागान) करते है और उसी को सजदा करते है |
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1161 | 8 | 1 | بسم الله الرحمن الرحيم يسألونك عن الأنفال قل الأنفال لله والرسول فاتقوا الله وأصلحوا ذات بينكم وأطيعوا الله ورسوله إن كنتم مؤمنين |
| | | वे तुमसे ग़नीमतों के विषय में पूछते है। कहो, "ग़नीमतें अल्लाह और रसूल की है। अतः अल्लाह का डर रखों और आपस के सम्बन्धों को ठीक रखो। और, अल्लाह और उसके रसूल की आज्ञा का पालन करो, यदि तुम ईमानवाले हो |
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1162 | 8 | 2 | إنما المؤمنون الذين إذا ذكر الله وجلت قلوبهم وإذا تليت عليهم آياته زادتهم إيمانا وعلى ربهم يتوكلون |
| | | ईमानवाले तो वही लोग है जिनके दिल उस समय काँप उठे जबकि अल्लाह को याद किया जाए। और जब उनके सामने उसकी आयतें पढ़ी जाएँ तो वे उनके ईमान को और अधिक बढ़ा दें और वे अपने रब पर भरोसा रखते हों |
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1163 | 8 | 3 | الذين يقيمون الصلاة ومما رزقناهم ينفقون |
| | | ये वे लोग हैं जो नमाज़ क़ायम करते है और जो कुछ हमने दिया है उसमें से ख़र्च करते हैं |
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1164 | 8 | 4 | أولئك هم المؤمنون حقا لهم درجات عند ربهم ومغفرة ورزق كريم |
| | | वही लोग वास्तव में ईमानवाले है। उनके लिेए रब के पास बड़े दर्जे है और क्षमा और सम्मानित उत्तम आजीविका भी |
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