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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
1146 | 7 | 192 | ولا يستطيعون لهم نصرا ولا أنفسهم ينصرون |
| | | और वे न तो उनकी सहायता करने की सामर्थ्य रखते है और न स्वयं अपनी ही सहायता कर सकते है? |
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1147 | 7 | 193 | وإن تدعوهم إلى الهدى لا يتبعوكم سواء عليكم أدعوتموهم أم أنتم صامتون |
| | | यदि तुम उन्हें सीधे मार्ग की ओर बुलाओ तो वे तुम्हारे पीछे न आएँगे। तुम्हारे लिए बराबर है - उन्हें पुकारो या तुम चुप रहो |
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1148 | 7 | 194 | إن الذين تدعون من دون الله عباد أمثالكم فادعوهم فليستجيبوا لكم إن كنتم صادقين |
| | | तुम अल्लाह को छोड़कर जिन्हें पुकारते हो वे तो तुम्हारे ही जैसे बन्दे है, अतः पुकार लो उनको, यदि तुम सच्चे हो, तो उन्हें चाहिए कि वे तुम्हें उत्तर दे! |
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1149 | 7 | 195 | ألهم أرجل يمشون بها أم لهم أيد يبطشون بها أم لهم أعين يبصرون بها أم لهم آذان يسمعون بها قل ادعوا شركاءكم ثم كيدون فلا تنظرون |
| | | क्या उनके पाँव हैं जिनसे वे चलते हों या उनके हाथ हैं जिनसे वे पकड़ते हों या उनके पास आँखें हीं जिनसे वे देखते हों या उनके कान हैं जिनसे वे सुनते हों? कहों, "तुम अपने ठहराए हु सहभागियों को बुला लो, फिर मेरे विरुद्ध चालें न चलो, इस प्रकार कि मुझे मुहलत न दो |
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1150 | 7 | 196 | إن وليي الله الذي نزل الكتاب وهو يتولى الصالحين |
| | | निश्चय ही मेरा संरक्षक मित्र अल्लाह है, जिसने यह किताब उतारी और वह अच्छे लोगों का संरक्षण करता है |
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1151 | 7 | 197 | والذين تدعون من دونه لا يستطيعون نصركم ولا أنفسهم ينصرون |
| | | रहे वे जिन्हें तुम उसको छोड़कर पुकारते हो, वे तो तुम्हारी, सहायता करने की सामर्थ्य रखते है और न स्वयं अपनी ही सहायता कर सकते है |
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1152 | 7 | 198 | وإن تدعوهم إلى الهدى لا يسمعوا وتراهم ينظرون إليك وهم لا يبصرون |
| | | और यदि तुम उन्हें सीधे मार्ग की ओर बुलाओ तो वे न सुनेंगे। वे तुम्हें ऐसे दीख पड़ते हैं जैसे वे तुम्हारी ओर ताक रहे हैं, हालाँकि वे कुछ भी नहीं देखते |
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1153 | 7 | 199 | خذ العفو وأمر بالعرف وأعرض عن الجاهلين |
| | | क्षमा की नीति अपनाओ और भलाई का हुक्म देते रहो और अज्ञानियों से किनारा खींचो |
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1154 | 7 | 200 | وإما ينزغنك من الشيطان نزغ فاستعذ بالله إنه سميع عليم |
| | | और यदि शैतान तुम्हें उकसाए तो अल्लाह की शरण माँगो। निश्चय ही, वह सब कुछ सुनता जानता है |
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1155 | 7 | 201 | إن الذين اتقوا إذا مسهم طائف من الشيطان تذكروا فإذا هم مبصرون |
| | | जो डर रखते हैं, उन्हें जब शैतान की ओर से कोई ख़याल छू जाता है, तो वे चौंक उठते हैं। फिर वे साफ़ देखने लगते हैं |
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