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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
1103 | 7 | 149 | ولما سقط في أيديهم ورأوا أنهم قد ضلوا قالوا لئن لم يرحمنا ربنا ويغفر لنا لنكونن من الخاسرين |
| | | और जब (चेताबनी से) उन्हें पश्चाताप हुआ और उन्होंने देख लिया कि वास्तव में वे भटक गए हैं तो कहने लगे, "यदि हमारे रब ने हमपर दया न की और उसने हमें क्षमा न किया तो हम घाटे में पड़ जाएँगे!" |
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1104 | 7 | 150 | ولما رجع موسى إلى قومه غضبان أسفا قال بئسما خلفتموني من بعدي أعجلتم أمر ربكم وألقى الألواح وأخذ برأس أخيه يجره إليه قال ابن أم إن القوم استضعفوني وكادوا يقتلونني فلا تشمت بي الأعداء ولا تجعلني مع القوم الظالمين |
| | | और जब मूसा क्रोध और दुख से भरा हुआ अपनी क़ौम की ओर लौटा तो उसने कहा, "तुम लोगों ने मेरे पीछे मेरी जगह बुरा किया। क्या तुम अपने रब के हुक्म से पहले ही जल्दी कर बैठे?" फिर उसने तख़्तियाँ डाल दी और अपने भाई का सिर पकड़कर उसे अपनी ओर खींचने लगा। वह बोला, "ऐ मेरी माँ के बेटे! लोगों ने मुझे कमज़ोर समझ लिया और निकट था कि मुझे मार डालते। अतः शत्रुओं को मुझपर हुलसने का अवसर न दे और अत्याचारी लोगों में मुझे सम्मिलित न कर।" |
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1105 | 7 | 151 | قال رب اغفر لي ولأخي وأدخلنا في رحمتك وأنت أرحم الراحمين |
| | | उसने कहा, "मेरे रब! मुझे और मेरे भाई को क्षमा कर दे और हमें अपनी दयालुता में दाख़िल कर ले। तू तो सबसे बढ़कर दयावान हैं।" |
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1106 | 7 | 152 | إن الذين اتخذوا العجل سينالهم غضب من ربهم وذلة في الحياة الدنيا وكذلك نجزي المفترين |
| | | जिन लोगों ने बछड़े को अपना उपास्य बनाया, वे अपने रब की ओर से प्रकोप और सांसारिक जीवन में अपमान से ग्रस्त होकर रहेंगे; और झूठ घड़नेवालों को हम ऐसा ही बदला देते है |
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1107 | 7 | 153 | والذين عملوا السيئات ثم تابوا من بعدها وآمنوا إن ربك من بعدها لغفور رحيم |
| | | रहे वे लोग जिन्होंने बुरे कर्म किए फिर उसके पश्चात तौबा कर ली और ईमान ले आए, तो इसके बाद तो तुम्हारा रब बड़ा ही क्षमाशील, दयाशील है |
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1108 | 7 | 154 | ولما سكت عن موسى الغضب أخذ الألواح وفي نسختها هدى ورحمة للذين هم لربهم يرهبون |
| | | और जब मूसा का क्रोध शान्त हुआ तो उसने तख़्तियों को उठा लिया। उनके लेख में उन लोगों के लिए मार्गदर्शन और दयालुता थी जो अपने रब से डरते है |
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1109 | 7 | 155 | واختار موسى قومه سبعين رجلا لميقاتنا فلما أخذتهم الرجفة قال رب لو شئت أهلكتهم من قبل وإياي أتهلكنا بما فعل السفهاء منا إن هي إلا فتنتك تضل بها من تشاء وتهدي من تشاء أنت ولينا فاغفر لنا وارحمنا وأنت خير الغافرين |
| | | मूसा ने अपनी क़ौम के सत्तर आदमियों को हमारे नियत किए हुए समय के लिए चुना। फिर जब उन लोगों को एक भूकम्प ने आ पकड़ा तो उसने कहा, "मेर रब! यदि तू चाहता तो पहले ही इनको और मुझको विनष्ट़ कर देता। जो कुछ हमारे नादानों ने किया है, क्या उसके कारण तू हमें विनष्ट करेगा? यह तो बस तेरी ओर से एक परीक्षा है। इसके द्वारा तू जिसको चाहे पथभ्रष्ट कर दे और जिसे चाहे मार्ग दिखा दे। तू ही हमारा संरक्षक है। अतः तू हमें क्षमा कर दे और हम पर दया कर, और तू ही सबसे बढ़कर क्षमा करनेवाला है |
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1110 | 7 | 156 | واكتب لنا في هذه الدنيا حسنة وفي الآخرة إنا هدنا إليك قال عذابي أصيب به من أشاء ورحمتي وسعت كل شيء فسأكتبها للذين يتقون ويؤتون الزكاة والذين هم بآياتنا يؤمنون |
| | | "और हमारे लिए इस संसार में भलाई लिख दे और आख़िरत में भी। हम तेरी ही ओर उन्मुख हुए।" उसने कहा, "अपनी यातना में मैं तो उसी को ग्रस्त करता हूँ, जिसे चाहता हूँ, किन्तु मेरी दयालुता से हर चीज़ आच्छादित है। उसे तो मैं उन लोगों के हक़ में लिखूँगा जो डर रखते और ज़कात देते है और जो हमारी आयतों पर ईमान लाते है |
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1111 | 7 | 157 | الذين يتبعون الرسول النبي الأمي الذي يجدونه مكتوبا عندهم في التوراة والإنجيل يأمرهم بالمعروف وينهاهم عن المنكر ويحل لهم الطيبات ويحرم عليهم الخبائث ويضع عنهم إصرهم والأغلال التي كانت عليهم فالذين آمنوا به وعزروه ونصروه واتبعوا النور الذي أنزل معه أولئك هم المفلحون |
| | | "(तो आज इस दयालुता के अधिकारी वे लोग है) जो उस रसूल, उम्मी नबी का अनुसरण करते है, जिसे वे अपने यहाँ तौरात और इंजील में लिखा पाते है। और जो उन्हें भलाई का हुक्म देता और बुराई से रोकता है। उनके लिए अच्छी-स्वच्छ चीज़ों का हलाल और बुरी-अस्वच्छ चीज़ों का हराम ठहराता है और उनपर से उनके वह बोझ उतारता है, जो अब तक उनपर लदे हुए थे और उन बन्धनों को खोलता है, जिनमें वे जकड़े हुए थे। अतः जो लोग उसपर ईमान लाए, उसका सम्मान किया और उसकी सहायता की और उस प्रकाश के अनुगत हुए, जो उसके साथ अवतरित हुआ है, वही सफलता प्राप्त करनेवाले है।" |
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1112 | 7 | 158 | قل يا أيها الناس إني رسول الله إليكم جميعا الذي له ملك السماوات والأرض لا إله إلا هو يحيي ويميت فآمنوا بالله ورسوله النبي الأمي الذي يؤمن بالله وكلماته واتبعوه لعلكم تهتدون |
| | | कहो, "ऐ लोगो! मैं तुम सबकी ओर उस अल्लाह का रसूल हूँ, जो आकाशों और धरती के राज्य का स्वामी है उसके सिवा कोई पूज्य नहीं, वही जीवन प्रदान करता और वही मृत्यु देता है। अतः जीवन प्रदान करता और वही मृत्यु देता है। अतः अल्लाह और उसके रसूल, उस उम्मी नबी, पर ईमान लाओ जो स्वयं अल्लाह पर और उसके शब्दों (वाणी) पर ईमान रखता है और उनका अनुसरण करो, ताकि तुम मार्ग पा लो।" |
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