بسم الله الرحمن الرحيم

نتائج البحث: 6236
ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
10967142وواعدنا موسى ثلاثين ليلة وأتممناها بعشر فتم ميقات ربه أربعين ليلة وقال موسى لأخيه هارون اخلفني في قومي وأصلح ولا تتبع سبيل المفسدين
और हमने मूसा से तौरैत देने के लिए तीस रातों का वायदा किया और हमने उसमें दस रोज़ बढ़ाकर पूरा कर दिया ग़रज़ उसके परवरदिगार का वायदा चालीस रात में पूरा हो गया और (चलते वक्त) मूसा ने अपने भाई हारून कहा कि तुम मेरी क़ौम में मेरे जानशीन रहो और उनकी इसलाह करना और फसाद करने वालों के तरीक़े पर न चलना
10977143ولما جاء موسى لميقاتنا وكلمه ربه قال رب أرني أنظر إليك قال لن تراني ولكن انظر إلى الجبل فإن استقر مكانه فسوف تراني فلما تجلى ربه للجبل جعله دكا وخر موسى صعقا فلما أفاق قال سبحانك تبت إليك وأنا أول المؤمنين
और जब मूसा हमारा वायदा पूरा करते (कोहेतूर पर) आए और उनका परवरदिगार उनसे हम कलाम हुआ तो मूसा ने अर्ज़ किया कि ख़ुदाया तू मेझे अपनी एक झलक दिखला दे कि मैं तूझे देखँ ख़ुदा ने फरमाया तुम मुझे हरगिज़ नहीं देख सकते मगर हॉ उस पहाड़ की तरफ देखो (हम उस पर अपनी तजल्ली डालते हैं) पस अगर (पहाड़) अपनी जगह पर क़ायम रहे तो समझना कि अनक़रीब मुझे भी देख लोगे (वरना नहीं) फिर जब उनके परवरदिगार ने पहाड़ पर तजल्ली डाली तो उसको चकनाचूर कर दिया और मूसा बेहोश होकर गिर पड़े फिर जब होश में आए तो कहने लगे ख़ुदा वन्दा तू (देखने दिखाने से) पाक व पाकीज़ा है-मैने तेरी बारगाह में तौबा की और मै सब से पहले तेरी अदम रवायत का यक़ीन करता हूँ
10987144قال يا موسى إني اصطفيتك على الناس برسالاتي وبكلامي فخذ ما آتيتك وكن من الشاكرين
ख़ुदा ने फरमाया ऐ मूसा मैने तुमको तमाम लोगों पर अपनी पैग़म्बरी और हम कलामी (का दरजा देकर) बरगूज़ीदा किया है तब जो (किताब तौरैत) हमने तुमको अता की है उसे लो और शुक्रगुज़ार रहो
10997145وكتبنا له في الألواح من كل شيء موعظة وتفصيلا لكل شيء فخذها بقوة وأمر قومك يأخذوا بأحسنها سأريكم دار الفاسقين
और हमने (तौरैत की) तख्तियों में मूसा के लिए हर तरह की नसीहत और हर चीज़ का तफसीलदार बयान लिख दिया था तो (ऐ मूसा) तुम उसे मज़बूती से तो (अमल करो) और अपनी क़ौम को हुक्म दे दो कि उसमें की अच्छी बातों पर अमल करें और बहुत जल्द तुम्हें बदकिरदारों का घर दिखा दूँगा (कि कैसे उजड़ते हैं)
11007146سأصرف عن آياتي الذين يتكبرون في الأرض بغير الحق وإن يروا كل آية لا يؤمنوا بها وإن يروا سبيل الرشد لا يتخذوه سبيلا وإن يروا سبيل الغي يتخذوه سبيلا ذلك بأنهم كذبوا بآياتنا وكانوا عنها غافلين
जो लोग (ख़ुदा की) ज़मीन पर नाहक़ अकड़ते फिरते हैं उनको अपनी आयतों से बहुत जल्द फेर दूंगा और मै क्या फेरूंगा ख़ुदा (उसका दिल ऐसा सख्त है कि) अगर दुनिया जहॉन के सारे मौजिज़े भी देखते तो भी ये उन पर ईमान न लाएगें और (अगर) सीधा रास्ता भी देख पाएं तो भी अपनी राह न जाएगें और अगर गुमराही की राह देख लेगें तो झटपट उसको अपना तरीक़ा बना लेगें ये कजरवी इस सबब से हुई कि उन लोगों ने हमारी आयतों को झुठला दिया और उनसे ग़फलत करते रहे
11017147والذين كذبوا بآياتنا ولقاء الآخرة حبطت أعمالهم هل يجزون إلا ما كانوا يعملون
और जिन लोगों ने हमारी आयतों को और आख़िरत की हुज़ूरी को झूठलाया उनका सब किया कराया अकारत हो गया, उनको बस उन्हीं आमाल की जज़ा या सज़ा दी जाएगी जो वह करते थे
11027148واتخذ قوم موسى من بعده من حليهم عجلا جسدا له خوار ألم يروا أنه لا يكلمهم ولا يهديهم سبيلا اتخذوه وكانوا ظالمين
और मूसा की क़ौम ने (कोहेतूर पर) उनके जाने के बाद अपने जेवरों को (गलाकर) एक बछड़े की मूरत बनाई (यानि) एक जिस्म जिसमें गाए की सी आवाज़ थी (अफसोस) क्या उन लोगों ने इतना भी न देखा कि वह न तो उनसे बात ही कर सकता और न किसी तरह की हिदायत ही कर सकता है (खुलासा) उन लोगों ने उसे (अपनी माबूद बना लिया)
11037149ولما سقط في أيديهم ورأوا أنهم قد ضلوا قالوا لئن لم يرحمنا ربنا ويغفر لنا لنكونن من الخاسرين
और आप अपने ऊपर ज़ुल्म करते थे और जब वह पछताए और उन्होने अपने को यक़ीनी गुमराह देख लिया तब कहने लगे कि अगर हमारा परदिगार हम पर रहम नहीं करेगा और हमारा कुसूर न माफ़ करेगा तो हम यक़ीनी घाटा उठाने वालों में हो जाएगें
11047150ولما رجع موسى إلى قومه غضبان أسفا قال بئسما خلفتموني من بعدي أعجلتم أمر ربكم وألقى الألواح وأخذ برأس أخيه يجره إليه قال ابن أم إن القوم استضعفوني وكادوا يقتلونني فلا تشمت بي الأعداء ولا تجعلني مع القوم الظالمين
और जब मूसा पलट कर अपनी क़ौम की तरफ आए तो (ये हालत देखकर) रंज व गुस्से में (अपनी क़ौम से) कहने लगे कि तुम लोगों ने मेरे बाद बहुत बुरी हरकत की-तुम लोग अपने परवरदिगार के हुक्म (मेरे आने में) किस कदर जल्दी कर बैठे और (तौरैत की) तख्तियों को फेंक दिया और अपने भाई (हारून) के सर (के बालों को पकड़ कर अपनी तर फ खींचने लगे) उस पर हारून ने कहा ऐ मेरे मांजाए (भाई) मै क्या करता क़ौम ने मुझे हक़ीर समझा और (मेरा कहना न माना) बल्कि क़रीब था कि मुझे मार डाले तो मुझ पर दुश्मनों को न हॅसवाइए और मुझे उन ज़ालिम लोगों के साथ न करार दीजिए
11057151قال رب اغفر لي ولأخي وأدخلنا في رحمتك وأنت أرحم الراحمين
तब) मूसा ने कहा ऐ मेरे परवरदिगार मुझे और मेरे भाई को बख्श दे और हमें अपनी रहमत में दाख़िल कर और तू सबसे बढ़के रहम करने वाला है


0 ... 99.5 100.5 101.5 102.5 103.5 104.5 105.5 106.5 107.5 108.5 110.5 111.5 112.5 113.5 114.5 115.5 116.5 117.5 118.5 ... 623

إنتاج هذه المادة أخد: 0.02 ثانية


المغرب.كووم © ٢٠٠٩ - ١٤٣٠ © الحـمـد لله الـذي سـخـر لـنا هـذا :: وقف لله تعالى وصدقة جارية

295744563225751314591336179335072694