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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
1092 | 7 | 138 | وجاوزنا ببني إسرائيل البحر فأتوا على قوم يعكفون على أصنام لهم قالوا يا موسى اجعل لنا إلها كما لهم آلهة قال إنكم قوم تجهلون |
| | | और इसराईल की सन्तान को हमने सागर से पार करा दिया, फिर वे ऐसे लोगों को पास पहुँचे जो अपनी कुछ मूर्तियों से लगे बैठे थे। कहने लगे, "ऐ मूसा! हमारे लिए भी कोई ऐसा उपास्य ठहरा दे, जैसे इनके उपास्य है।" उसने कहा, "निश्चय ही तुम बड़े ही अज्ञानी लोग हो |
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1093 | 7 | 139 | إن هؤلاء متبر ما هم فيه وباطل ما كانوا يعملون |
| | | “निश्चय ही वह लोग लगे हुए है, बरबाद होकर रहेगा। और जो कुछ ये कर रहे है सर्वथा व्यर्थ है।" |
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1094 | 7 | 140 | قال أغير الله أبغيكم إلها وهو فضلكم على العالمين |
| | | उसने कहा, "क्या मैं अल्लाह के सिवा तुम्हारे लिए कोई और उपास्य ढूढूँ, हालाँकि उसी ने सारे संसारवालों पर तुम्हें श्रेष्ठता प्रदान की?" |
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1095 | 7 | 141 | وإذ أنجيناكم من آل فرعون يسومونكم سوء العذاب يقتلون أبناءكم ويستحيون نساءكم وفي ذلكم بلاء من ربكم عظيم |
| | | और याद करो जब हमने तुम्हें फ़िरऔन के लोगों से छुटकारा दिया जो तुम्हें बुरी यातना में ग्रस्त रखते थे। तुम्हारे बेटों को मार डालते और तुम्हारी स्त्रियों को जीवित रहने देते थे। और वह (छुटकारा दिलाना) तुम्हारे रब की ओर से बड़ा अनुग्रह है |
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1096 | 7 | 142 | وواعدنا موسى ثلاثين ليلة وأتممناها بعشر فتم ميقات ربه أربعين ليلة وقال موسى لأخيه هارون اخلفني في قومي وأصلح ولا تتبع سبيل المفسدين |
| | | और हमने मूसा से तीस रातों का वादा ठहराया, फिर हमने दस और बढ़ाकर उसे पूरा किया। इसी प्रकार उसके रब की ठहराई हुई अवधि चालीस रातों में पूरी हुई और मूसा ने अपने भाई हारून से कहा, "मेरे पीछे तुम मेरी क़ौम में मेरा प्रतिनिधित्व करना और सुधारना और बिगाड़ पैदा करनेवालों के मार्ग पर न चलना।" |
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1097 | 7 | 143 | ولما جاء موسى لميقاتنا وكلمه ربه قال رب أرني أنظر إليك قال لن تراني ولكن انظر إلى الجبل فإن استقر مكانه فسوف تراني فلما تجلى ربه للجبل جعله دكا وخر موسى صعقا فلما أفاق قال سبحانك تبت إليك وأنا أول المؤمنين |
| | | अब मूसा हमारे निश्चित किए हुए समय पर पहुँचा और उसके रब ने उससे बातें की, तो वह करने लगा, "मेरे रब! मुझे देखने की शक्ति प्रदान कर कि मैं तुझे देखूँ।" कहा, "तू मुझे कदापि न देख सकेगा। हाँ, पहाड़ की ओर देख। यदि वह अपने स्थान पर स्थिर पर स्थिर रह जाए तो फिर तू मुझे देख लेगा।" अतएव जब उसका रब पहाड़ पर प्रकट हुआ तो उसे चकनाचूर कर दिया और मूसा मूर्छित होकर गिर पड़ा। फिर जब होश में आया तो कहा, "महिमा है तेरी! मैं तेरे समझ तौबा करता हूँ और सबसे पहला ईमान लानेवाला मैं हूँ।" |
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1098 | 7 | 144 | قال يا موسى إني اصطفيتك على الناس برسالاتي وبكلامي فخذ ما آتيتك وكن من الشاكرين |
| | | उसने कहा, "ऐ मूसा! मैंने दूसरे लोगों के मुक़ाबले में तुझे चुनकर अपने संदेशों और अपनी वाणी से तुझे उपकृत किया। अतः जो कुछ मैं तुझे दूँ उसे ले और कृतज्ञता दिखा।" |
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1099 | 7 | 145 | وكتبنا له في الألواح من كل شيء موعظة وتفصيلا لكل شيء فخذها بقوة وأمر قومك يأخذوا بأحسنها سأريكم دار الفاسقين |
| | | और हमने उसके लिए तख़्तियों पर उपदेश के रूप में हर चीज़ और हर चीज़ का विस्तृत वर्णन लिख दिया। अतः उनको मज़बूती से पकड़। उनमें उत्तम बातें है। अपनी क़ौम के लोगों को हुक्म दे कि वे उनको अपनाएँ। मैं शीघ्र ही तुम्हें अवज्ञाकारियों का घर दिखाऊँगा |
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1100 | 7 | 146 | سأصرف عن آياتي الذين يتكبرون في الأرض بغير الحق وإن يروا كل آية لا يؤمنوا بها وإن يروا سبيل الرشد لا يتخذوه سبيلا وإن يروا سبيل الغي يتخذوه سبيلا ذلك بأنهم كذبوا بآياتنا وكانوا عنها غافلين |
| | | जो लोग धरती में नाहक़ बड़े बनते है, मैं अपनी निशानियों की ओर से उन्हें फेर दूँगा। यदि वे प्रत्येक निशानी देख ले तब भी वे उस पर ईमान नहीं लाएँगे। यदि वे सीधा मार्ग देख लें तो भी वे उसे अपना मार्ग नहीं बनाएँगे। लेकिन यदि वे पथभ्रष्ट का मार्ग देख लें तो उसे अपना मार्ग ठहरा लेंगे। यह इसलिए की उन्होंने हमारी आयतों को झुठलाया और उनसे ग़ाफ़िल रहे |
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1101 | 7 | 147 | والذين كذبوا بآياتنا ولقاء الآخرة حبطت أعمالهم هل يجزون إلا ما كانوا يعملون |
| | | जिन लोगों ने हमारी आयतों को और आख़िरत के मिलन को झूठा जाना, उनका तो सारा किया-धरा उनकी जान को लागू हुआ। जो कुछ वे करते रहे क्या उसके सिवा वे किसी और चीज़ का बदला पाएँगे? |
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