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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
1086 | 7 | 132 | وقالوا مهما تأتنا به من آية لتسحرنا بها فما نحن لك بمؤمنين |
| | | वे बोले, "तू हमपर जादू करने के लिए चाहे कोई भी निशानी हमारे पास ले आए, हम तुझपर ईमान लानेवाले नहीं।" |
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1087 | 7 | 133 | فأرسلنا عليهم الطوفان والجراد والقمل والضفادع والدم آيات مفصلات فاستكبروا وكانوا قوما مجرمين |
| | | अन्ततः हमने उनपर तूफ़ान और टिड्डियों और छोटे कीड़े और मेंढक और रक्त, कितनी ही निशानियाँ अलग-अलग भेजी, किन्तु वे घमंड ही करते रहे। वे थे ही अपराधी लोग |
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1088 | 7 | 134 | ولما وقع عليهم الرجز قالوا يا موسى ادع لنا ربك بما عهد عندك لئن كشفت عنا الرجز لنؤمنن لك ولنرسلن معك بني إسرائيل |
| | | जब कभी उनपर यातना आ पड़ती, कहते है, "ऐ मूसा, हमारे लिए अपने रब से प्रार्थना करो, उस प्रतिज्ञा के आधार पर जो उसने तुमसे कर रखी है। तुमने यदि हमपर से यह यातना हटा दी, तो हम अवश्य ही तुमपर ईमान ले आएँगे और इसराईल की सन्तान को तुम्हारे साथ जाने देंगे।" |
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1089 | 7 | 135 | فلما كشفنا عنهم الرجز إلى أجل هم بالغوه إذا هم ينكثون |
| | | किन्तु जब हम उनपर से यातना को एक नियत समय के लिए जिस तक वे पहुँचनेवाले ही थे, हटा लेते तो क्या देखते कि वे वचन-भंग करने लग गए |
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1090 | 7 | 136 | فانتقمنا منهم فأغرقناهم في اليم بأنهم كذبوا بآياتنا وكانوا عنها غافلين |
| | | फिर हमने उनसे बदला लिया और उन्हें गहरे पानी में डूबो दिया, क्योंकि उन्होंने हमारी निशानियों को ग़लत समझा और उनसे ग़ाफिल हो गए |
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1091 | 7 | 137 | وأورثنا القوم الذين كانوا يستضعفون مشارق الأرض ومغاربها التي باركنا فيها وتمت كلمت ربك الحسنى على بني إسرائيل بما صبروا ودمرنا ما كان يصنع فرعون وقومه وما كانوا يعرشون |
| | | और जो लोग कमज़ोर पाए जाते थे, उन्हें हमने उस भू-भाग के पूरब के हिस्सों और पश्चिम के हिस्सों का उत्तराधिकारी बना दिया, जिसे हमने बरकत दी थी। और तुम्हारे रब का अच्छा वादा इसराईल की सन्तान के हक़ में पूरा हुआ, क्योंकि उन्होंने धैर्य से काम लिया और फ़िरऔन और उसकी क़ौम का वह सब कुछ हमने विनष्ट कर दिया, जिसे वे बनाते और ऊँचा उठाते थे |
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1092 | 7 | 138 | وجاوزنا ببني إسرائيل البحر فأتوا على قوم يعكفون على أصنام لهم قالوا يا موسى اجعل لنا إلها كما لهم آلهة قال إنكم قوم تجهلون |
| | | और इसराईल की सन्तान को हमने सागर से पार करा दिया, फिर वे ऐसे लोगों को पास पहुँचे जो अपनी कुछ मूर्तियों से लगे बैठे थे। कहने लगे, "ऐ मूसा! हमारे लिए भी कोई ऐसा उपास्य ठहरा दे, जैसे इनके उपास्य है।" उसने कहा, "निश्चय ही तुम बड़े ही अज्ञानी लोग हो |
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1093 | 7 | 139 | إن هؤلاء متبر ما هم فيه وباطل ما كانوا يعملون |
| | | “निश्चय ही वह लोग लगे हुए है, बरबाद होकर रहेगा। और जो कुछ ये कर रहे है सर्वथा व्यर्थ है।" |
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1094 | 7 | 140 | قال أغير الله أبغيكم إلها وهو فضلكم على العالمين |
| | | उसने कहा, "क्या मैं अल्लाह के सिवा तुम्हारे लिए कोई और उपास्य ढूढूँ, हालाँकि उसी ने सारे संसारवालों पर तुम्हें श्रेष्ठता प्रदान की?" |
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1095 | 7 | 141 | وإذ أنجيناكم من آل فرعون يسومونكم سوء العذاب يقتلون أبناءكم ويستحيون نساءكم وفي ذلكم بلاء من ربكم عظيم |
| | | और याद करो जब हमने तुम्हें फ़िरऔन के लोगों से छुटकारा दिया जो तुम्हें बुरी यातना में ग्रस्त रखते थे। तुम्हारे बेटों को मार डालते और तुम्हारी स्त्रियों को जीवित रहने देते थे। और वह (छुटकारा दिलाना) तुम्हारे रब की ओर से बड़ा अनुग्रह है |
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