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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
1055 | 7 | 101 | تلك القرى نقص عليك من أنبائها ولقد جاءتهم رسلهم بالبينات فما كانوا ليؤمنوا بما كذبوا من قبل كذلك يطبع الله على قلوب الكافرين |
| | | ये है वे बस्तियाँ जिनके कुछ वृत्तान्त हम तुमको सुना रहे है। उनके पास उनके रसूल खुली-खुली निशानियाँ लेकर आए परन्तु वे ऐसे न हुए कि ईमान लाते। इसका कारण यह था कि वे पहले से झुठलाते रहे थे। इसी प्रकार अल्लाह इनकार करनेवालों के दिलों पर मुहर लगा देता है |
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1056 | 7 | 102 | وما وجدنا لأكثرهم من عهد وإن وجدنا أكثرهم لفاسقين |
| | | हमने उनके अधिकतर लोगो में प्रतिज्ञा का निर्वाह न पाया, बल्कि उनके बहुतों को हमने उल्लंघनकारी ही पाया |
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1057 | 7 | 103 | ثم بعثنا من بعدهم موسى بآياتنا إلى فرعون وملئه فظلموا بها فانظر كيف كان عاقبة المفسدين |
| | | फिर उनके पश्चात हमने मूसा को अपनी निशानियों के साथ फ़िरऔन और उसके सरदारों के पास भेजा, परन्तु उन्होंने इनकार और स्वयं पर अत्याचार किया। तो देखो, इन बिगाड़ पैदा करनेवालों का कैसा परिणाम हुआ! |
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1058 | 7 | 104 | وقال موسى يا فرعون إني رسول من رب العالمين |
| | | मूसा ने कहा, "ऐ फ़िरऔन! मैं सारे संसार के रब का रसूल हूँ |
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1059 | 7 | 105 | حقيق على أن لا أقول على الله إلا الحق قد جئتكم ببينة من ربكم فأرسل معي بني إسرائيل |
| | | "मैं इसका अधिकारी हूँ कि अल्लाह से सम्बद्ध करके सत्य के अतिरिक्त कोई बात न कहूँ। मैं तुम्हारे पास तुम्हारे रब की ओर से स्पष्ट प्रमाण लेकर आ गया हूँ। अतः तुम इसराईल की सन्तान को मेरे साथ जाने दो।" |
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1060 | 7 | 106 | قال إن كنت جئت بآية فأت بها إن كنت من الصادقين |
| | | बोला, "यदि तुम कोई निशानी लेकर आए हो तो उसे पेश करो, यदि तुम सच्चे हो।" |
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1061 | 7 | 107 | فألقى عصاه فإذا هي ثعبان مبين |
| | | तब उसने अपनी लाठी डाल दी। क्या देखते है कि वह प्रत्यक्ष अजगर है |
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1062 | 7 | 108 | ونزع يده فإذا هي بيضاء للناظرين |
| | | और उसने अपना हाथ निकाला, तो क्या देखते है कि वह सब देखनेवालों के सामने चमक रहा है |
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1063 | 7 | 109 | قال الملأ من قوم فرعون إن هذا لساحر عليم |
| | | फ़िरऔन की क़ौम के सरदार कहने लगे, "अरे, यह तो बडा कुशल जादूगर है! |
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1064 | 7 | 110 | يريد أن يخرجكم من أرضكم فماذا تأمرون |
| | | "तुम्हें तुम्हारी धरती से निकाल देना चाहता है। तो अब क्या कहते हो?" |
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