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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
1050 | 7 | 96 | ولو أن أهل القرى آمنوا واتقوا لفتحنا عليهم بركات من السماء والأرض ولكن كذبوا فأخذناهم بما كانوا يكسبون |
| | | यदि बस्तियों के लोग ईमान लाते और डर रखते तो अवश्य ही हम उनपर आकाश और धरती की बरकतें खोल देते, परन्तु उन्होंने तो झुठलाया। तो जो कुछ कमाई वे करते थे, उसके बदले में हमने उन्हें पकड़ लिया |
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1051 | 7 | 97 | أفأمن أهل القرى أن يأتيهم بأسنا بياتا وهم نائمون |
| | | फिर क्या बस्तियों के लोगों को इस और से निश्चिन्त रहने का अवसर मिल सका कि रात में उनपर हमारी यातना आ जाए, जबकि वे सोए हुए हो? |
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1052 | 7 | 98 | أوأمن أهل القرى أن يأتيهم بأسنا ضحى وهم يلعبون |
| | | और क्या बस्तियों के लोगो को इस ओर से निश्चिन्त रहने का अवसर मिल सका कि दिन चढ़े उनपर हमारी यातना आ जाए, जबकि वे खेल रहे हों? |
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1053 | 7 | 99 | أفأمنوا مكر الله فلا يأمن مكر الله إلا القوم الخاسرون |
| | | आख़िर क्या वे अल्लाह की चाल से निश्चिन्त हो गए थे? तो (समझ लो उन्हें टोटे में पड़ना ही था, क्योंकि) अल्लाह की चाल से तो वही लोग निश्चित होते है, जो टोटे में पड़नेवाले होते है |
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1054 | 7 | 100 | أولم يهد للذين يرثون الأرض من بعد أهلها أن لو نشاء أصبناهم بذنوبهم ونطبع على قلوبهم فهم لا يسمعون |
| | | क्या जो धरती के, उसके पूर्ववासियों के पश्चात उत्तराधिकारी हुए है, उनपर यह तथ्य प्रकट न हुआ कि यदि हम चाहें तो उनके गुनाहों पर उन्हें आ पकड़े? हम तो उनके दिलों पर मुहर लगा रहे हैं, क्योंकि वे कुछ भी नहीं सुनते |
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1055 | 7 | 101 | تلك القرى نقص عليك من أنبائها ولقد جاءتهم رسلهم بالبينات فما كانوا ليؤمنوا بما كذبوا من قبل كذلك يطبع الله على قلوب الكافرين |
| | | ये है वे बस्तियाँ जिनके कुछ वृत्तान्त हम तुमको सुना रहे है। उनके पास उनके रसूल खुली-खुली निशानियाँ लेकर आए परन्तु वे ऐसे न हुए कि ईमान लाते। इसका कारण यह था कि वे पहले से झुठलाते रहे थे। इसी प्रकार अल्लाह इनकार करनेवालों के दिलों पर मुहर लगा देता है |
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1056 | 7 | 102 | وما وجدنا لأكثرهم من عهد وإن وجدنا أكثرهم لفاسقين |
| | | हमने उनके अधिकतर लोगो में प्रतिज्ञा का निर्वाह न पाया, बल्कि उनके बहुतों को हमने उल्लंघनकारी ही पाया |
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1057 | 7 | 103 | ثم بعثنا من بعدهم موسى بآياتنا إلى فرعون وملئه فظلموا بها فانظر كيف كان عاقبة المفسدين |
| | | फिर उनके पश्चात हमने मूसा को अपनी निशानियों के साथ फ़िरऔन और उसके सरदारों के पास भेजा, परन्तु उन्होंने इनकार और स्वयं पर अत्याचार किया। तो देखो, इन बिगाड़ पैदा करनेवालों का कैसा परिणाम हुआ! |
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1058 | 7 | 104 | وقال موسى يا فرعون إني رسول من رب العالمين |
| | | मूसा ने कहा, "ऐ फ़िरऔन! मैं सारे संसार के रब का रसूल हूँ |
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1059 | 7 | 105 | حقيق على أن لا أقول على الله إلا الحق قد جئتكم ببينة من ربكم فأرسل معي بني إسرائيل |
| | | "मैं इसका अधिकारी हूँ कि अल्लाह से सम्बद्ध करके सत्य के अतिरिक्त कोई बात न कहूँ। मैं तुम्हारे पास तुम्हारे रब की ओर से स्पष्ट प्रमाण लेकर आ गया हूँ। अतः तुम इसराईल की सन्तान को मेरे साथ जाने दो।" |
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