بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
1038784وأمطرنا عليهم مطرا فانظر كيف كان عاقبة المجرمين
और हमने उनपर एक बरसात बरसाई, तो देखो अपराधियों का कैसा परिणाम हुआ
1039785وإلى مدين أخاهم شعيبا قال يا قوم اعبدوا الله ما لكم من إله غيره قد جاءتكم بينة من ربكم فأوفوا الكيل والميزان ولا تبخسوا الناس أشياءهم ولا تفسدوا في الأرض بعد إصلاحها ذلكم خير لكم إن كنتم مؤمنين
और मदयनवालों की ओर हमने उनके भाई शुऐब को भेजा। उसने कहा, "ऐ मेरी क़ौम के लोगों! अल्लाह की बन्दगी करो। उसके अतिरिक्त तुम्हारा कोई पूज्य नहीं। तुम्हारे पास तुम्हारे रब की ओर से एक स्पष्ट प्रमाण आ चुका है। तो तुम नाप और तौल पूरी-पूरी करो, और लोगों को उनकी चीज़ों में घाटा न दो, और धरती में उसकी सुधार के पश्चात बिगाड़ पैदा न करो। यही तुम्हारे लिए अच्छा है, यदि तुम ईमानवाले हो
1040786ولا تقعدوا بكل صراط توعدون وتصدون عن سبيل الله من آمن به وتبغونها عوجا واذكروا إذ كنتم قليلا فكثركم وانظروا كيف كان عاقبة المفسدين
"और प्रत्येक मार्ग पर इसलिए न बैठो कि धमकियाँ दो और उस व्यक्ति को अल्लाह के मार्ग से रोकने लगो जो उसपर ईमान रखता हो और न उस मार्ग को टेढ़ा करने में लग जाओ। याद करो, वह समय जब तुम थोड़े थे, फिर उसने तुम्हें अधिक कर दिया। और देखो, बिगाड़ पैदा करनेवालो का कैसा परिणाम हुआ
1041787وإن كان طائفة منكم آمنوا بالذي أرسلت به وطائفة لم يؤمنوا فاصبروا حتى يحكم الله بيننا وهو خير الحاكمين
"और यदि तुममें एक गिरोह ऐसा है, जो उसपर ईमान लाया है, जिसके साथ मैं भेजा गया हूँ और एक गिरोह ऐसा है, जो उसपर ईमान लाया है, जिसके साथ मैं भेजा गया हूँ और एक गिरोह ईमान नहीं लाया, तो धैर्य से काम लो, यहाँ तक कि अल्लाह हमारे बीच फ़ैसला कर दे। और वह सबसे अच्छा फ़ैसला करनेवाला है।"
1042788قال الملأ الذين استكبروا من قومه لنخرجنك يا شعيب والذين آمنوا معك من قريتنا أو لتعودن في ملتنا قال أولو كنا كارهين
उनकी क़ौम के सरदारों ने, जो घमंड में पड़े थे, कहा, "ऐ शुऐब! हम तुझे और तेरे साथ उन लोगों को, जो ईमान लाए है, अपनी बस्ती से निकालकर रहेंगे। या फिर तुम हमारे पन्थ में लौट आओ।" उसने कहा, "क्या (तुम यही चाहोगे) यद्यपि यह हमें अप्रिय हो जब भी?
1043789قد افترينا على الله كذبا إن عدنا في ملتكم بعد إذ نجانا الله منها وما يكون لنا أن نعود فيها إلا أن يشاء الله ربنا وسع ربنا كل شيء علما على الله توكلنا ربنا افتح بيننا وبين قومنا بالحق وأنت خير الفاتحين
"हम अल्लाह पर झूठ घड़नेवाले ठहरेंगे, यदि तुम्हारे पन्थ में लौट आएँ, इसके बाद कि अल्लाह ने हमें उससे छुटकारा दे दिया है। यह हमसे तो होने का नहीं कि हम उसमें पलट कर जाएँ, बल्कि हमारे रब अल्लाह की इच्छा ही क्रियान्वित है। ज्ञान की स्पष्ट से हमारा रब हर चीज़ को अपने घेरे में लिए हुए है। हमने अल्लाह ही पर भरोसा किया है। हमारे रब, हमारे और हमारी क़ौम के बीच निश्चित अटल फ़ैसला कर दे। और तू सबसे अच्छा फ़ैसला करनेवाला है।"
1044790وقال الملأ الذين كفروا من قومه لئن اتبعتم شعيبا إنكم إذا لخاسرون
और क़ौम के सरदार, जिन्होंने इनकार किया था, बोले, "यदि तुम शुऐब के अनुयायी बने तो तुम घाटे में पड़ जाओगे।"
1045791فأخذتهم الرجفة فأصبحوا في دارهم جاثمين
अन्ततः एक दहला देनेवाली आपदा ने उन्हें आ लिया। फिर वे अपने घर में औंधे पड़े रह गए,
1046792الذين كذبوا شعيبا كأن لم يغنوا فيها الذين كذبوا شعيبا كانوا هم الخاسرين
शुऐब को झुठलानेवाले, मानो कभी वहाँ बसे ही न थे। शुऐब को झुठलानेवाले ही घाटे में रहे
1047793فتولى عنهم وقال يا قوم لقد أبلغتكم رسالات ربي ونصحت لكم فكيف آسى على قوم كافرين
तब वह उनके यहाँ से यह कहता हुआ फिरा, "ऐ मेरी क़ौम के लोगो! मैंने अपने रब के सन्देश तुम्हें पहुँचा दिए और मैंने तुम्हारा हित चाहा। अब मैं इनकार करनेवाले लोगो पर कैसे अफ़सोस करूँ!"


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