نتائج البحث: 6236
|
ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
1021 | 7 | 67 | قال يا قوم ليس بي سفاهة ولكني رسول من رب العالمين |
| | | हूद ने कहा ऐ मेरी क़ौम मुझमें में तो हिमाक़त की कोई बात नहीं बल्कि मैं तो परवरदिगार आलम का रसूल हूँ |
|
1022 | 7 | 68 | أبلغكم رسالات ربي وأنا لكم ناصح أمين |
| | | मैं तुम्हारे पास तुम्हारे परवरदिगार के पैग़ामात पहँचाए देता हूँ और मैं तुम्हारा सच्चा ख़ैरख्वाह हूँ |
|
1023 | 7 | 69 | أوعجبتم أن جاءكم ذكر من ربكم على رجل منكم لينذركم واذكروا إذ جعلكم خلفاء من بعد قوم نوح وزادكم في الخلق بسطة فاذكروا آلاء الله لعلكم تفلحون |
| | | क्या तुम्हें इस पर ताअज्जुब है कि तुम्हारे परवरदिगार का हुक्म तुम्हारे पास तुम्ही में एक मर्द (आदमी) के ज़रिए से (आया) कि तुम्हें (अजाब से) डराए और (वह वक्त) याद करो जब उसने तुमको क़ौम नूह के बाद ख़लीफा (व जानशीन) बनाया और तुम्हारी ख़िलाफ़त में भी बहुत ज्यादती कर दी तो ख़ुदा की नेअमतों को याद करो ताकि तुम दिली मुरादे पाओ |
|
1024 | 7 | 70 | قالوا أجئتنا لنعبد الله وحده ونذر ما كان يعبد آباؤنا فأتنا بما تعدنا إن كنت من الصادقين |
| | | तो वह लोग कहने लगे क्या तुम हमारे पास इसलिए आए हो कि सिर्फ ख़ुदा की तो इबादत करें और जिनको हमारे बाप दादा पूजते चले आए छोड़ बैठें पस अगर तुम सच्चे हो तो जिससे तुम हमको डराते हो हमारे पास लाओ |
|
1025 | 7 | 71 | قال قد وقع عليكم من ربكم رجس وغضب أتجادلونني في أسماء سميتموها أنتم وآباؤكم ما نزل الله بها من سلطان فانتظروا إني معكم من المنتظرين |
| | | हूद ने जवाब दिया (कि बस समझ लो) कि तुम्हारे परवरदिगार की तरफ से तुम पर अज़ाब और ग़ज़ब नाज़िल हो चुका क्या तुम मुझसे चन्द (बुतो के फर्ज़ी) नामों के बारे में झगड़ते हो जिनको तुमने और तुम्हारे बाप दादाओं ने (ख्वाहमख्वाह) गढ़ लिए हैं हालाकि ख़ुदा ने उनके लिए कोई सनद नहीं नाज़िल की पस तुम ( अज़ाबे ख़ुदा का) इन्तज़ार करो मैं भी तुम्हारे साथ मुन्तिज़र हूँ |
|
1026 | 7 | 72 | فأنجيناه والذين معه برحمة منا وقطعنا دابر الذين كذبوا بآياتنا وما كانوا مؤمنين |
| | | आख़िर हमने उनको और जो लोग उनके साथ थे उनको अपनी रहमत से नजात दी और जिन लोगों ने हमारी आयतों को झुठलाया था हमने उनकी जड़ काट दी और वह लोग ईमान लाने वाले थे भी नहीं |
|
1027 | 7 | 73 | وإلى ثمود أخاهم صالحا قال يا قوم اعبدوا الله ما لكم من إله غيره قد جاءتكم بينة من ربكم هذه ناقة الله لكم آية فذروها تأكل في أرض الله ولا تمسوها بسوء فيأخذكم عذاب أليم |
| | | और (हमने क़ौम) समूद की तरफ उनके भाई सालेह को रसूल बनाकर भेजा तो उन्होनें (उन लोगों से कहा) ऐ मेरी क़ौम ख़ुदा ही की इबादत करो और उसके सिवा कोई तुम्हारा माबूद नहीं है तुम्हारे पास तो तुम्हारे परवरदिगार की तरफ से वाज़ेए और रौशन दलील आ चुकी है ये ख़ुदा की भेजी हुई ऊँटनी तुम्हारे वास्ते एक मौजिज़ा है तो तुम लोग उसको छोड़ दो कि ख़ुदा की ज़मीन में जहाँ चाहे चरती फिरे और उसे कोई तकलीफ़ ना पहुंचाओ वरना तुम दर्दनाक अज़ाब में गिरफ्तार हो जाआगे |
|
1028 | 7 | 74 | واذكروا إذ جعلكم خلفاء من بعد عاد وبوأكم في الأرض تتخذون من سهولها قصورا وتنحتون الجبال بيوتا فاذكروا آلاء الله ولا تعثوا في الأرض مفسدين |
| | | और वह वक्त याद करो जब उसने तुमको क़ौम आद के बाद (ज़मीन में) ख़लीफा (व जानशीन) बनाया और तुम्हें ज़मीन में इस तरह बसाया कि तुम हमवार व नरम ज़मीन में (बड़े-बड़े) महल उठाते हो और पहाड़ों को तराश के घर बनाते हो तो ख़ुदा की नेअमतों को याद करो और रूए ज़मीन में फसाद न करते फिरो |
|
1029 | 7 | 75 | قال الملأ الذين استكبروا من قومه للذين استضعفوا لمن آمن منهم أتعلمون أن صالحا مرسل من ربه قالوا إنا بما أرسل به مؤمنون |
| | | तो उसकी क़ौम के बड़े बड़े लोगों ने बेचारें ग़रीबों से उनमें से जो ईमान लाए थे कहा क्या तुम्हें मालूम है कि सालेह (हक़ीकतन) अपने परवरदिगार के सच्चे रसूल हैं - उन बेचारों ने जवाब दिया कि जिन बातों का वह पैग़ाम लाए हैं हमारा तो उस पर ईमान है |
|
1030 | 7 | 76 | قال الذين استكبروا إنا بالذي آمنتم به كافرون |
| | | तब जिन लोगों को (अपनी दौलत दुनिया पर) घमन्ड था कहने लगे हम तो जिस पर तुम ईमान लाए हो उसे नहीं मानते |
|