بسم الله الرحمن الرحيم

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1021767قال يا قوم ليس بي سفاهة ولكني رسول من رب العالمين
हूद ने कहा ऐ मेरी क़ौम मुझमें में तो हिमाक़त की कोई बात नहीं बल्कि मैं तो परवरदिगार आलम का रसूल हूँ
1022768أبلغكم رسالات ربي وأنا لكم ناصح أمين
मैं तुम्हारे पास तुम्हारे परवरदिगार के पैग़ामात पहँचाए देता हूँ और मैं तुम्हारा सच्चा ख़ैरख्वाह हूँ
1023769أوعجبتم أن جاءكم ذكر من ربكم على رجل منكم لينذركم واذكروا إذ جعلكم خلفاء من بعد قوم نوح وزادكم في الخلق بسطة فاذكروا آلاء الله لعلكم تفلحون
क्या तुम्हें इस पर ताअज्जुब है कि तुम्हारे परवरदिगार का हुक्म तुम्हारे पास तुम्ही में एक मर्द (आदमी) के ज़रिए से (आया) कि तुम्हें (अजाब से) डराए और (वह वक्त) याद करो जब उसने तुमको क़ौम नूह के बाद ख़लीफा (व जानशीन) बनाया और तुम्हारी ख़िलाफ़त में भी बहुत ज्यादती कर दी तो ख़ुदा की नेअमतों को याद करो ताकि तुम दिली मुरादे पाओ
1024770قالوا أجئتنا لنعبد الله وحده ونذر ما كان يعبد آباؤنا فأتنا بما تعدنا إن كنت من الصادقين
तो वह लोग कहने लगे क्या तुम हमारे पास इसलिए आए हो कि सिर्फ ख़ुदा की तो इबादत करें और जिनको हमारे बाप दादा पूजते चले आए छोड़ बैठें पस अगर तुम सच्चे हो तो जिससे तुम हमको डराते हो हमारे पास लाओ
1025771قال قد وقع عليكم من ربكم رجس وغضب أتجادلونني في أسماء سميتموها أنتم وآباؤكم ما نزل الله بها من سلطان فانتظروا إني معكم من المنتظرين
हूद ने जवाब दिया (कि बस समझ लो) कि तुम्हारे परवरदिगार की तरफ से तुम पर अज़ाब और ग़ज़ब नाज़िल हो चुका क्या तुम मुझसे चन्द (बुतो के फर्ज़ी) नामों के बारे में झगड़ते हो जिनको तुमने और तुम्हारे बाप दादाओं ने (ख्वाहमख्वाह) गढ़ लिए हैं हालाकि ख़ुदा ने उनके लिए कोई सनद नहीं नाज़िल की पस तुम ( अज़ाबे ख़ुदा का) इन्तज़ार करो मैं भी तुम्हारे साथ मुन्तिज़र हूँ
1026772فأنجيناه والذين معه برحمة منا وقطعنا دابر الذين كذبوا بآياتنا وما كانوا مؤمنين
आख़िर हमने उनको और जो लोग उनके साथ थे उनको अपनी रहमत से नजात दी और जिन लोगों ने हमारी आयतों को झुठलाया था हमने उनकी जड़ काट दी और वह लोग ईमान लाने वाले थे भी नहीं
1027773وإلى ثمود أخاهم صالحا قال يا قوم اعبدوا الله ما لكم من إله غيره قد جاءتكم بينة من ربكم هذه ناقة الله لكم آية فذروها تأكل في أرض الله ولا تمسوها بسوء فيأخذكم عذاب أليم
और (हमने क़ौम) समूद की तरफ उनके भाई सालेह को रसूल बनाकर भेजा तो उन्होनें (उन लोगों से कहा) ऐ मेरी क़ौम ख़ुदा ही की इबादत करो और उसके सिवा कोई तुम्हारा माबूद नहीं है तुम्हारे पास तो तुम्हारे परवरदिगार की तरफ से वाज़ेए और रौशन दलील आ चुकी है ये ख़ुदा की भेजी हुई ऊँटनी तुम्हारे वास्ते एक मौजिज़ा है तो तुम लोग उसको छोड़ दो कि ख़ुदा की ज़मीन में जहाँ चाहे चरती फिरे और उसे कोई तकलीफ़ ना पहुंचाओ वरना तुम दर्दनाक अज़ाब में गिरफ्तार हो जाआगे
1028774واذكروا إذ جعلكم خلفاء من بعد عاد وبوأكم في الأرض تتخذون من سهولها قصورا وتنحتون الجبال بيوتا فاذكروا آلاء الله ولا تعثوا في الأرض مفسدين
और वह वक्त याद करो जब उसने तुमको क़ौम आद के बाद (ज़मीन में) ख़लीफा (व जानशीन) बनाया और तुम्हें ज़मीन में इस तरह बसाया कि तुम हमवार व नरम ज़मीन में (बड़े-बड़े) महल उठाते हो और पहाड़ों को तराश के घर बनाते हो तो ख़ुदा की नेअमतों को याद करो और रूए ज़मीन में फसाद न करते फिरो
1029775قال الملأ الذين استكبروا من قومه للذين استضعفوا لمن آمن منهم أتعلمون أن صالحا مرسل من ربه قالوا إنا بما أرسل به مؤمنون
तो उसकी क़ौम के बड़े बड़े लोगों ने बेचारें ग़रीबों से उनमें से जो ईमान लाए थे कहा क्या तुम्हें मालूम है कि सालेह (हक़ीकतन) अपने परवरदिगार के सच्चे रसूल हैं - उन बेचारों ने जवाब दिया कि जिन बातों का वह पैग़ाम लाए हैं हमारा तो उस पर ईमान है
1030776قال الذين استكبروا إنا بالذي آمنتم به كافرون
तब जिन लोगों को (अपनी दौलत दुनिया पर) घमन्ड था कहने लगे हम तो जिस पर तुम ईमान लाए हो उसे नहीं मानते


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