بسم الله الرحمن الرحيم

نتائج البحث: 6236
ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
1005751الذين اتخذوا دينهم لهوا ولعبا وغرتهم الحياة الدنيا فاليوم ننساهم كما نسوا لقاء يومهم هذا وما كانوا بآياتنا يجحدون
उनके लिए जिन्होंने अपना धर्म खेल-तमाशा ठहराया और जिन्हें सांसारिक जीवन ने धोखे में डाल दिया, तो आज हम भी उन्हें भुला देंगे, जिस प्रकार वे अपने इस दिन की मुलाक़ात को भूले रहे और हमारी आयतों का इनकार करते रहे
1006752ولقد جئناهم بكتاب فصلناه على علم هدى ورحمة لقوم يؤمنون
और निश्चय ही हम उनके पास एक ऐसी किताब ले आए है, जिसे हमने ज्ञान के आधार पर विस्तृत किया है, जो ईमान लानेवालों के लिए मार्गदर्शन और दयालुता है
1007753هل ينظرون إلا تأويله يوم يأتي تأويله يقول الذين نسوه من قبل قد جاءت رسل ربنا بالحق فهل لنا من شفعاء فيشفعوا لنا أو نرد فنعمل غير الذي كنا نعمل قد خسروا أنفسهم وضل عنهم ما كانوا يفترون
क्या वे लोग केवल इसी की प्रतीक्षा में है कि उसकी वास्तविकता और परिणाम प्रकट हो जाए? जिस दिन उसकी वास्तविकता सामने आ जाएगी, तो वे लोग इससे पहले उसे भूले हुए थे, बोल उठेंगे, "वास्तव में, हमारे रब के रसूल सत्य लेकर आए थे। तो क्या हमारे कुछ सिफ़ारिशी है, जो हमारी सिफ़ारिश कर दें या हमें वापस भेज दिया जाए कि जो कुछ हम करते थे उससे भिन्न कर्म करें?" उन्होंने अपने आपको घाटे में डाल दिया और जो कुछ वे झूठ घढ़ते थे, वे सब उनसे गुम होकर रह गए
1008754إن ربكم الله الذي خلق السماوات والأرض في ستة أيام ثم استوى على العرش يغشي الليل النهار يطلبه حثيثا والشمس والقمر والنجوم مسخرات بأمره ألا له الخلق والأمر تبارك الله رب العالمين
निस्संदेह तुम्हारा रब वही अल्लाह है, जिसने आकाशों और धरती को छह दिनों में पैदा किया - फिर राजसिंहासन पर विराजमान हुआ। वह रात को दिन पर ढाँकता है जो तेज़ी से उसका पीछा करने में सक्रिय है। और सूर्य, चन्द्रमा और तारे भी बनाए, इस प्रकार कि वे उसके आदेश से काम में लगे हुए है। सावधान रहो, उसी की सृष्टि है और उसी का आदेश है। अल्लाह सारे संसार का रब, बड़ी बरकतवाला है
1009755ادعوا ربكم تضرعا وخفية إنه لا يحب المعتدين
अपने रब को गिड़गिड़ाकर और चुपके-चुपके पुकारो। निश्चय ही वह हद से आगे बढ़नेवालों को पसन्द नहीं करता
1010756ولا تفسدوا في الأرض بعد إصلاحها وادعوه خوفا وطمعا إن رحمت الله قريب من المحسنين
और धरती में उसके सुधार के पश्चात बिगाड़ न पैदा करो। भय और आशा के साथ उसे पुकारो। निश्चय ही, अल्लाह की दयालुता सत्कर्मी लोगों के निकट है
1011757وهو الذي يرسل الرياح بشرا بين يدي رحمته حتى إذا أقلت سحابا ثقالا سقناه لبلد ميت فأنزلنا به الماء فأخرجنا به من كل الثمرات كذلك نخرج الموتى لعلكم تذكرون
और वही है जो अपनी दयालुता से पहले शुभ सूचना देने को हवाएँ भेजता है, यहाँ तक कि जब वे बोझल बादल को उठा लेती है तो हम उसे किसी निर्जीव भूमि की ओर चला देते है, फिर उससे पानी बरसाते है, फिर उससे हर तरह के फल निकालते है। इसी प्रकार हम मुर्दों को मृत अवस्था से निकालेगे - ताकि तुम्हें ध्यान हो
1012758والبلد الطيب يخرج نباته بإذن ربه والذي خبث لا يخرج إلا نكدا كذلك نصرف الآيات لقوم يشكرون
और अच्छी भूमि के पेड़-पौधे उसके रब के आदेश से निकलते है और जो भूमि ख़राब हो गई है तो उससे निकम्मी पैदावार के अतिरिक्त कुछ नहीं निकलता। इसी प्रकार हम निशानियों को उन लोगों के लिए तरह-तरह से बयान करते है, जो कृतज्ञता दिखानेवाले है
1013759لقد أرسلنا نوحا إلى قومه فقال يا قوم اعبدوا الله ما لكم من إله غيره إني أخاف عليكم عذاب يوم عظيم
हमने नूह को उसकी क़ौम के लोगों की ओर भेजा, तो उसने कहा, "ऐ मेरी क़ौम के लोगो! अल्लाह की बन्दगी करो। उसके अतिरिक्त तुम्हारा कोई पूज्य नहीं। मैं तुम्हारे लिए एक बड़े दिन का यातना से डरता हूँ।"
1014760قال الملأ من قومه إنا لنراك في ضلال مبين
उसकी क़ौम के सरदारों ने कहा, "हम तो तुम्हें खुली गुमराही में पड़ा देख रहे है।"


0 ... 90.4 91.4 92.4 93.4 94.4 95.4 96.4 97.4 98.4 99.4 101.4 102.4 103.4 104.4 105.4 106.4 107.4 108.4 109.4 ... 623

إنتاج هذه المادة أخد: 0.02 ثانية


المغرب.كووم © ٢٠٠٩ - ١٤٣٠ © الحـمـد لله الـذي سـخـر لـنا هـذا :: وقف لله تعالى وصدقة جارية

37914680465236315821301737231233133820